दोस्तों आज के समय में युवाओं के लिए खेती बाड़ी में कमाई के अनेक अवसर खुल गए हैं। इस अवसर को पहचान कर इस पर अमल करने वाले व्यक्ति को काफी फायदा होता है। ऐसे ही अवसर की परख करते हुए देखा गया की किसानो की समस्या अच्छी फसल के लिए बेहतर बीजो की थी जो किसानो को नहीं मिल पा रहे थे और जो मिल रहे थे उससे अच्छी पैदावार नहीं हो रही थी। इस अवसर को देखने के बाद महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले अजिंक्य अशोक राव पिसल ने किसानों को बेहतर उपज के लिए अच्छी क़्वालिटी के बीजो के साथ साथ आधुनिक तरीके से उपज को बढ़ाने के लिए अपना सीड ट्रे बिज़नेस का स्टार्टअप शुरू किया।
नौकरी छोड़ शुरू की सीड ट्रे कंपनी, आज है 1.25 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी।
success story of seed trays manufacturer उनकी सफलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है की महज 4 साल में ही उन्होंने अपने बिजनेस का टर्नओवर 1.25 करोड़ रुपये तक कर लिया और सफल व्यवसायिओं की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर लिया। आज उनकी तकदीर इस तरह बदल गई है कि जहां पहले कभी 15 हजार रुपये महीने की नौकरी करते थे, अब वे सीड ट्रे के बिजनेस के द्वारा 2 लाख रुपये महीना कमाने लग गए है।
सीड ट्रे बिजनेस के लिए 15,000 रुपये की नौकरी छोड़ी।
अजिंक्य बताते हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई हार्टिकल्चर में M.Sc करने के बाद वे बेंगलुरु में एक सीड ट्रे मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में बतौर 15,000 रुपये महीने की तनख्वाह पर काम करते थे। इस कंपनी में काम करते वक्त उन्होंने सीड ट्रे मैन्युफैक्चरिंग के साथ साथ सीड ट्रे में कोको-पिट भरना, गार्डनिंग, ट्रांस्प्लांटिंग आदि के बारे में सीखने का बहुत अनुभव मिला।
सीड ट्रे को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है इसलिए यह किसानो के लिए फायदेमंद भी है इस बात को समझते हुए उन्होंने अपनी नौकरी के साथ साथ सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं एग्री क्लीनिक एंड एग्री बिजनेस के प्रोग्राम के बारे में जानकारी हासिल की। सरकार के द्वारा चलाए जा रहे एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर के प्रोग्राम में 2 महीने की ट्रेनिंग की वजह से उन्होंने अपनी 15,000 रुपये की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपने इस ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद ‘जेपी नेचर केयर‘ के नाम से अपनी कंपनी की स्थापना की।
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सीड ट्रे की विशेषता क्या है
अंजिक्य ने बताया कि सीड ट्रे की खास बात यह है कि इसमें प्लांट किया हुआ बीज जल्द ही पौधे में विकसित होकर अच्छा ग्रोथ करता है। इसे सीड ट्रे में कोको-पिट में बीजो को लगा दिया जाता है। उसके बाद इन पौधों को सीड ट्रे में से निकाल कर खेतों में आसानी से ट्रांसप्लांट किया जाता है। सीड ट्रे में प्लांट किए हुए पौधे के बीजों को बारिश या तेज धूप से बचाव करना आसान हो जाता है। सीड ट्रे के द्वारा होने वाले पौधे की जड़े काफी मजबूत और अच्छी उपज देने वाली होती है।
बिजनेस शुरू करने में लगे 30 लाख।
अंजिक्य बताते हैं कि उन्होंने 30 लाख रुपए इन्वेस्ट करके अपना सीड ट्रे मैनुफैक्चरिंग की यूनिट लगाई। उसके लिए उन्हें बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र से 15 लाख रुपए का लोन मिल गया। जिसमें उन्हें नाबार्ड की तरफ से 36 फीसदी की सब्सिडी मिल गई। बैंक से 15 लाख रुपए का लोन मिल जाने के बाद बाकी की रकम जो करीब 12 लाख से 13 लाख रुपये थी, उसकी व्यवस्था स्वयं की।
1.25 करोड़ रुपये का बिजनेस 4 साल में खड़ा किया।
उनके द्वारा बताया की उनके गांव के किसान सीड ट्रे के बारे में नहीं जानते थे परन्तु उन्होंने सीड ट्रे से होने वाले फायदे सभी किसानो को समझाये और कुछ लोगो ने सीड ट्रे के माध्यम से अपनी उपज में वृद्धि देखी तब उनमे सीड ट्रे के प्रति जागरूकता आई। जल्द ही सभी किसान सीड ट्रे के द्वारा अपनी फसल से ज्यादा फायदा लेने लगे। किसानो में फैली जागरूकता की वजह से उनकी कंपनी को भी अधिक फायदा होने लगा। अजिंक्य ने कहा कि सन 2014 में उन्होंने सीड ट्रे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना की थी और आज इस यूनिट का 1.25 करोड़ रुपए का टर्नओवर हो रहा है। जिसमें उनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट दो तरह की सीड ट्रे का मैन्यूफैक्चर कर रही है।
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हर महीने लगभग 2 लाख से ज्यादा प्रॉफिट।
अंजिक्य के मुताबिक उनको 20 फीसदी का प्रॉफिट उनकी कंपनी के सालाना टर्नओवर पर मिल जाता है यानी उनकी कंपनी के सालाना 1.25 करोड़ रुपए के टर्नओवर पर उन्हें सालाना 25 लाख रुपए का फायदा मिल जाता है। इस अनुमान के मुताबिक आज उनकी कमाई 2 लाख रुपये महीने से भी अधिक हो रही है।
विदेशों में भी सीड ट्रे का निर्यात।
“जेपी नेचर केयर” का बिजनेस इंडिया में महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, बेंगलुरु और छत्तीसगढ़ राज्यों भी है। इतना ही नहीं उनके बनाए हुए सीड ट्रे इंडिया से बाहर देशो में जैसे साउथ अफ्रीका, जमैका और केन्या में भी निर्यात हो रहा है।
तो आपने देखा की किस तरह एक व्यक्ति अपनी नौकरी को छोड़ कर व्यापार में उतरता है और उस व्यापार में सफल भी होकर दिखाता है। व्यापार करना उतना भी सरल नहीं है जितना हम सोचते है परन्तु जो लोग मन में हौसला रख कर सावधानी से और थोड़ा सा रिस्क के साथ व्यापार करते है और साथ ही एक ऐसे आईडिया पर जो आज की जरुरत हो अपनी पूरी मेहनत से आगे बढ़ते है वह 100 फीसदी सफल व्यवसायी बनते है।
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