आज के समय में जब बात गुलाब के फूल की आती है तो हर व्यकित अपने अनुभवों के आधार पर गुलाब की जरुरत को महसूस करता है। दिखने में गुलाब जितने सुन्दर लगते है उतना ही इनका प्रयोग दैनिक जरूरतों में उपयोग में आता है। वैसे तो गुलाब की कई प्रजातियां होती है परन्तु कुछ प्रजातियां हमारे द्वारा विकसित की जाती है।
अगर आप लाखो कामना चाहते है तो शुरू करे गुलाब की खेती।
If you want earn millions then start cultivating Gulab गुलाब की दो नयी प्रजातियां केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने विकसित की हैं। पहली प्रजाति ‘नूरजहां‘ और दूसरी प्रजाति ‘रानी साहिबा‘ के नाम से है। इस प्रजाति के गुलाब की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा ले रहे है।
इन गुलाबो की एक प्रजाति सजावटी फूलो में तथा दूसरी प्रजाति के गुलाब जल तथा कई हर्बल प्रोडक्ट बनाने में उपयोग में लिए जाते है। इन दोनों प्रजाति के गुलाबों की खेती दोमठ और बलुई दोमठ मिट्टी वाले क्षेत्रों में होती है। बताया जा रहा है कि आज के समय में इन दोनों गुलाबो की मांग दिल्ली मुंबई और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में कहीं अधिक है। इन गुलाबों की खेती अलीगढ़, बाराबंकी, लखनऊ और कन्नौज में रहने वाले किसानों ने शुरुआत कर दी है।
गुलाब की कई प्रजातियाँ
सीमैप के निर्देशक प्रोफेसर अनिल त्रिपाठी के मुताबिक आज कई गुलाबों की खेती की जा रही है, जिससे किसान उनका समय-समय पर ध्यान रखता है और यह भी ध्यान रखता है कि किस मौसम में गुलाब की खेती करनी चाहिए।आज किसान गुलाब की खेती की बदौलत लाखों की कमाई कर रहे हैं। बता दें कि पूरी दुनिया में गुलाब की कई प्रजाति देखने को मिलती हैं जिनमें से कुछ घरों में सजावट के लिए इस्तेमाल होती हैं और तो कुछ हम लोगों के लिए गुलाब जल इत्र दवाइयों और अन्य कामों में भी इस्तेमाल होती हैं।
गुलाब के द्वारा हर्बल प्रोडक्ट्स
सीमैप के वैज्ञानिक गुलाब की नई प्रजाति की खेती के नये तरीके किसानो को सीखा रहे है। इस संस्था ने कुछ गुलाबों के द्वारा हर्बल के कई उत्पाद भी बनाए जो बाजार में उपलब्ध हैं। बताया जा रहा है कि गुलाब की खेती करने के लिए करीब 200 से अधिक किसानों को ट्रेनिंग दे दी जा चुकी है, इसके अलावा कुछ गुलाब के फूलों के नमूने उन किसानों को भी दिए जा रहे हैं जो इसकी खेती करने के लिए इच्छा रखते हैं।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि गुलाब की प्रजाति ‘नूरजहां’ और ‘रानी साहिबा’ इन दोनों गुलाब की प्रजाति की खोज करने वाले वैज्ञानिक का नाम डॉक्टर दिनेश कुमार हैं। उनके मुताबिक इन गुलाबों के 10 हजार पौधे एक एकड़ के जमीन में बोया जा सकता है।
कलम रोपण या जड़ सहित इन दोनों तरीको से गुलाबों को लगाया जा सकता है। किसान अधिकतर कलम के द्वारा पौधे को रोपण करते हैं क्योंकि उन्हें जड़ से ही पौधे का मूल्य 20 रुपये प्रति पौधा मिलता है जो कि पौधे की कलम जो की 2 रुपये से कहीं अधिक है। इसलिए ज्यादातर किसान अपने बजट के मुताबिक कलम रोपण का उपयोग अपने खेत में करते है, जो उनको काफी सस्ता पड़ जाता है।
यदि बात कमाई की कही जाय तो किसान लोग गेहूं की फसल एक एकड़ में करीब 40 से 50 हजार तक की कमाई करते हैं। वही यदि गुलाब की खेती करते हैं तो उन्हें 10 लाख या उससे अधिक की कमाई होती है।
प्रणाली शेवाले के द्वारा गुलाब की खेती
भारत में आज युवाओं के लिए रोजगार की एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस समस्या का समाधान करते हुए बताया जा रहा है कि आज के समय में कुछ युवाओं के द्वारा इन दोनों गुलाब की प्रजातियों की खेती करके 40 से 50 हजार हर महीने की आमदनी कर रहे हैं। उन युवाओं में से एक है प्रणाली शेवाले। महाराष्ट्र राज्य के नागौर जिले के माणेवाड़ा गांव की निवासी हैं, उन्होंने बताया कि जब वह रोजगार की तलाश में भटक रही थी फिर भी रोजगार नहीं मिला तब थक-हारकर उन्होंने गुलाब की खेती करने का विचार किया।
आज वह बताते हैं यदि मैं कहीं रोजगार कर रही होती तो वह मुश्किल से 10 हजार तक ही कमा पाती परन्तु आज में घर में बैठे-बैठे ही 50 से 60 हजार की कमाई कर रही हु।
प्रणाली शेवाले ने बताया कि दिन प्रतिदिन गुलाब की मांग बाजार में काफी बढ़ रही है। अक्सर सालगिरह, वैलेंटाइन डे, मदर्स डे, जन्मदिन और शादियों पर गुलाब डिमांड काफी अधिक रहती है।
पॉलीहाउस लगा कर की गुलाब की खेती
सन 2016 में प्रणाली शेवाले ने 2 महीने की ट्रेनिंग एग्री क्लिनिक एंड एग्री बिजनेस सेंटर्स नागपुर से किया था।
उसके बाद वह अपने पिता मदद से 1 एकड़ की जमीन लीज पर ली और उसमें पॉलीहाउस बनवाया। इन सभी खर्चो के लिए कई महीनों तक वह बैंक से लोन लेने के लिए इंतजार करते रहे थे। बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से उन्हें 6 महीने बाद 13 लाख रुपये का लोन मिल गया। लोन मिल जाने के बाद ही उन्होंने गुलाब की खेती करना शुरू कर दिया।
शुरुवात में उन्हें खेती से लेकर पॉलीहॉउस बनवाने में सभी खर्चो में करीब 15-16 लाख रुपये लगाने पड़े थे। लेकिन जल्द ही उन्हें गुलाब की खेती से पहला 35 हजार का मुनाफा हुआ। उनके लोन पर भी नाबार्ड से 44 फीसदी की सब्सिडी मिल गई। अब प्रणाली शेवाले हर महीने गुलाब की खेती से 50 हजार से अधिक की कमाई कर रही है।
खेती से बाजार में बेचने तक सभी को अच्छा मुनाफा
आज के समय में गुलाब की खेती बेरोजगार युवाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है। गुलाब के फूल खेतो से निकल कर ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रकिया में दुकानदारों की सबसे ज्यादा आमदनी हो जाती है।
बताते है की दुकानदार अपना मार्जिन 40% तक रखते हैं। किसान लोग अपने खेत मे उगाये गये गुलाब को 50 पैसे से लेकर 2-3 रुपए तक की कीमत लगाकर ट्रेडर को बेचते हैं। गुलाब के फूलों की.खेती करने वाले किसान खेती तो करते हैं, परन्तु वे इन गुलाब के फूलों को गिनकर नहीं बेचते।
ये काम तो छोटे किसानों के लिए और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि व्यापारी इनके खेती को पूरी खरीद लेते है। उसके बाद ये व्यापारी अपने आधुनिक उपकरणों की सहायता से इन फूलों को अच्छे से ग्राहकों की पसंद के मुताबिक कटिंग, पैकिंग और मंडी तक स्वयं ही पहुंचाने का काम करते हैं और जो किसान अपनी खेती को स्वयं अपने स्तर से ये सभी काम कर रहे है उनकी कमाई में काफी भारी मुनाफा शामिल हो रहा है।
फूलो के काटे जाने के जाने के बाद सीधे कोल्ड स्टोरेज में
खेतो से गुलाब के फूलों को काटे जाने के बाद उन्हें सुरक्षित रखना सबसे बड़ी समस्या होती है, क्योंकि कटे-हुए गुलाब के फूल जल्द ही सड़ कर खराब हो जाते हैं। खेतो से निकलने के बाद जब इन गुलाब के फूलों को ट्रक या हवाई जहाज में से उतारा जाता है तब उसे उतारने के तुरंत बाद कोल्ड स्टोरेज (ठंडी जगह) में रखा जाता है। पैक फूल को सात-आठ दिन रखना जरूरी होता है, अन्यथा ये फूल जल्द ही सड़ सकते हैं। इन फूलों के कट जाने के बाद केवल रिटेल शॉप में ही खुले देखे जा सकते हैं।
आज मानव ने अपनी भावनाओं के साथ गुलाब के फूल का भी एक नया बिज़नेस का आधार बना दिया है। जिस व्यक्ति की भावना कलात्मक या कोमल होती है वही इन फूलों का बिज़नेस करके अपनी अच्छी कमाई कर सकता है। आज के समय पर प्रत्येक छोटे वेंडर हर दिन लगभग 500/- रुपये से लेकर एक हजार रुपए तक की कमाई कर लेते हैं, जबकि बड़े वेंडरों की तो चांदी ही चांदी हो रही है। इस व्यवसाय में मार्जिन अच्छा मिल जाता है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग इस बिजनेस को कर रहे हैं।
राजस्थान में भी गुलाब की खेती की अच्छी शुरुवात
आज समय तेजी के साथ बदल गया है, कुछ किसान लोग अपने बजट के मुताबिक गुलाब की खेती कर रहे हैं और अपनी बेहतर आमदनी के द्वारा अपनी जिंदगी को बदल रहे हैं। गुलाब की खेती देश के किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। सरकार ने भी किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई हुई है।
(उत्तराखंड) जोशीमठ के नकदी फसल बहुल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी लोग जंगली जानवरों के द्वारा फसलों को हानि पहुंचाने की वजह से गुलाब के फूल की खेती करने लग गए। आज इन लोगों के लिए गुलाब की खेती एक अच्छा वरदान साबित हो रही है और जोशीमठ की यात्रा का सीजन होने की वजह से इस समय यहां गुलाब की बिक्री भी खूब हो रही है। इन किसानो से गुलाब खरीद कर कई व्यापारी गुलाब का तेल निकल कर काफी मुनाफा ले रहे है। राजस्थान के किसान भी अपनी परम्परागत खेती के साथ ही गुलाब की खेती कर अपने लाभ में बढ़ोतरी कर रहे है।
राजस्थान की ही जसनगर रोड पर डागा कृषि फॉर्म में रामनिवास डागा गुलाब के फूलों की काफी अच्छी खेती कर रहे हैं। उनके बड़े बेटे दिनेश डागा बताते हैं कि, अब तक वह सामान्य खेती ही कर रहे थे परंतु उन्हें जब गुलाब की खेती के बारे में पता चला तब उन्होंने गुलाब की खेती करने का विचार किया।
गुलाब जल और गुलकंद की फैक्ट्रियों में डिमांड
परंपरागत खेती से उन्हें ज्यादा बचत नहीं हो पा रही थी। समय के साथ-साथ परिवार बढ़ने से खेती से कोई मुनाफा नहीं बन पा रहा था। परंतु उन्होंने शुरुआत में परंपरागत खेती के साथ ही अपने खेतों में एक छोटे हिस्से पर गुलाब का उत्पादन शुरू किया, शुरुआती उत्पादन से मिले लाभ और बाजार में बढ़ती गुलाब की डिमांड को देखते हुए अब यह करीब 3 बीघे में गुलाब की खेती कर रहे हैं और हर महीने दो से ढाई लाख रूपये गुलाब की खेती से कमा रहे हैं। उनके गुलाब आसपास पुष्कर, अजमेर और जयपुर की गुलाब जल और गुलकंद की फैक्ट्रियों को भेजे जाते हैं।
युवाओ के बेहतर अवसर
दिनेश डागा बताते हैं कि एक गुलाब का पौधा लगातार 5 साल तक फूल देता है। इसके बाद उन्हें पौधा बदलना पड़ता है। गुलाब के पौधे के लिए किसी भी तरीके के बीजों की आवश्यकता नहीं होती बल्कि खेतों में पहले से लगे पौधों की टहनियों को काटकर उसे कलम कर दिया जाता है जिससे कुछ समय में गुलाब के नए पौधे तैयार हो जाते हैं। इस तरह केवल एक बार खर्च करने पर गुलाब की खेती से लगातार पांच साल तक मुनाफा लिया जा सकता है।
आज के समय में काफी युवा गुलाब की खेती की ओर आकर्षित हो रहे है। कारण सभी जानते हैं कि बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई की वजह से सभी व्यक्ति परेशान है और सभी लोग अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं। इसी वजह से भारत के युवा अब खेती में नए नए प्रयोग कर रहे हैं जिनमें गुलाब की खेती प्रमुख है और काफी लाभ देने वाली भी।
डागा जैसे ही कई और किसानों ने भी गुलाब की खेती से काफी लाभ कमाया है। राजस्थान हो या उत्तर प्रदेश, हरियाणा हो या बिहार, सभी जगह अब गुलाब की खेती में बढ़ोतरी आई है। सभी किसान अब थोड़े या ज्यादा मात्रा में गुलाब की खेती को महत्व दे रहे हैं और अच्छा और भारी लाभ कमा रहे हैं।
यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें Startuphindi3@gmail.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप अपने गाँव, शहर या इलाके की प्रेरणात्मक वीडियो हमें 6397028929 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं!